क्या आप जानते है मप्र. के किन जिलो में गाँवों को क्लाइमेट स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया गया है ?
भारत का पहला क्लाइमेट स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट भारत का ह्रदय यानी कि मध्यप्रदेश में शुरू हुआ है। इसमें राजगढ़, सतना, और सीहोर जिले के 60 गांवो को शामिल किया गया हैं। इनमें तहत जलवायु परिवर्तन के असर का अध्ययन करके मॉडल रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जोकि पूरे प्रदेश में लागू होगी।
क्लाइमेट स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट का उद्देश।
क्लाइमेट स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार की आगामी 6 वर्षों में 1100 ऐसे ' क्लाइमेट स्मार्ट विलेज ' विकसित करने की योजना है , जिसका उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के खतरों ( बाढ़ , अकाल आदि ) से निपटने के लिए तैयार करना है , ताकि कृषि का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन व उत्पादकता सुनिश्चित हो सके । इन 1100 गाँवों का चयन 11 एग्रो क्लाइमेट जोन्स में प्रत्येक से 100 गाँवों को लेकर किया जाएगा । वर्तमान समय में इस प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश के सतना , सीहोर व राजगढ़ जिलों के गाँवों को शामिल किया गया है । प्रोजेक्ट का फोकस कृषि उत्पादकता में वृद्धि और उसके जोखिम कम करने पर है।
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गांवो मे 10 साल में हुऐ परिवर्तनो का होगा अध्यन ।
क्लाइमेट स्मार्ट विलेज परियोजना सूखे और अन्य प्राकृतिक आपदाओ के कारण किसानों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लागू किया गया है। इस साल भी राज्य के 18 जिलों के 132 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इस परियोजना के लिए जिलों और उनके 20-20 गांवों का चयन का आधार कृषि उत्पादकता में कमी और असामान जलवायु के आंकड़ों के अनुसार होगा। गांवों में पिछले 10 सालो में आए बदलावों का अध्ययन सरकार की एप्को सहित पांच एजेंसियां करेंगी।
इसी आधार पर मिट्टी व जल संरक्षण और सूखा सहनशील किस्मों की खेती पर रिपोर्ट तैयार होगी। इन गांवों में मौसम पूर्वानुमान और मौसम सलाहकार आधारित खेती के लिए क्लस्टर बनाया जाएगा। जल प्रबंधन, ऊर्जा प्रबंधन और बीज बैंक के जरिए मौसम आधारित खेती की तकनीक से ये गांव जलवायु से तालमेल कर स्मार्ट विलेज बनेंगे।
source - Patrika
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